शनिवार, 5 सितंबर 2020

Kabhi Milo To Sahi / कभी मिलों तो सही / Sometimes Meet

Kabhi Milo To Sahi / कभी मिलों तो सही / Sometimes Meet


क्या हुआ ग़र जुदा हो गए, 
क्या हुआ जो तुम बेवफ़ा हो गएl
मुझे एक पल तो याद करती हो ना, 
की हम खामखा हो गएl

थोड़ी याद ताजा करने,
कभी मिलों तो सहीl

क्या हुआ जो तुम हो गए किसी और के, 
क्या हुआ जो खो गए भीड़ मेंl
मिलने को जी तो मचलता होगा ना, 
या फिर आपकी यादो से भी रुसवा हो गएl

मुझे भूल जाने को, 
कभी मिलों तो सही|


ऋषभ शुक्ला

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3 टिप्‍पणियां:

  1. आपका बहुत बहुत आभार यशोदा जीl

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  2. आपका हमारे इस कविता मंच के साथ जुड़ने और अपने बहुमूल्य सुझाव के आपका बहुत - बहुत आभार. आपके सुझाव व विचार हमें नित लिखने और हमें सीखने प्रेरणा देते है. शुक्रिया.

    हिंदी कविता मंच

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