शनिवार, 20 नवंबर 2021

Bhrashtrachar / भ्रष्टाचार /Corruption

Bhrashtrachar-Corruption
भ्रष्टाचार

Bhrashtrachar / भ्रष्टाचार /Corruption



यहा हर तरफ है बिछा हुआ भ्रष्टाचार !
हर तरफ फैला है काला बाजार !!

राजा करते है स्पेक्ट्रम घोटाला !
जनता कहती है उफ मार डाला !!

लालू का चारा कलमाणी का राष्ट्रमण्डल !
जनता बेचारी घुट रही है पल-पल !!

यहा होते है घोटाले करोणो मे !
यहा फलता है भ्रष्टाचार नेताओं के पेङो मे !!

मेरी दुनिया का इतिहास है ये,चोरी,दंगा,फसाद है ये !
बलात्कार,जुर्म और शोषण,मनुष्यो का इतिहास है ये !!

हत्या,फिरौती और लूट दुनिया का इश्तहार है ये !
नेता,डीलर और किलर रीश्तो मे रीश्तेदार है ये !!

और हमारे नेता कांट्रेक्ट किलर के बाप है ये !
मंच और भाषण मे फिल्मो के अमिताभ है ये !!

लाखो नही करोणो नही अरबो का व्यापार है ये !
शान्ति और शौहार्द नही नताओ का जंगलराज है ये!!

स्वीस बैंक मे पङा रुप्पया नेताओ की शान है ये !
भ्रष्टाचार से घिरा भ्रष्ट समाज है ये !!

नेता नोटो की माला पहने मरे ये जनता बेचारी !
नेता करता बङा घोटाला मरे चाहे दुनिया सारी !!

चुनाव के पहले प्यार दिखाये !
चुनाव के बाद तलवार दिखाये !!

ये है घर के भेदी लूटे हिन्दुस्तान को !
जाती,धर्म के नाम पर बाते इन्सान को !!

चुनाव के पहले करते रहते भैया भैया !
चुनाव के बाद इन्के लिये सबसे बङा रुप्पया !!

भ्रष्ट्राचार हो गयी है इस देश की बिमारी !
जिसमे पिस रही निर्दोष जनता बेचारी !!

@ ऋषभ शुक्ला




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7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (23-11-2014) को "काठी का दर्द" (चर्चा मंच 1806) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. आज के हालात पर सटीक टिप्पणी करती रचना.... हार्दिक बधाई भाई !!!!

    जवाब देंहटाएं
  3. Shukriya aap sabhi mahanubhav ka yaha aane aur apane vichar prakat karane ke liye.

    जवाब देंहटाएं
  4. अँधेरा फैला है चतुर्दिक मगर दीपक जलाने की जहमत कौन उठाए?
    ताकत तो जनता के हाँथों में है, उसे यह कौन बताए?

    जवाब देंहटाएं

आपका हमारे इस कविता मंच के साथ जुड़ने और अपने बहुमूल्य सुझाव के आपका बहुत - बहुत आभार. आपके सुझाव व विचार हमें नित लिखने और हमें सीखने प्रेरणा देते है. शुक्रिया.

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