की अंडरवर्ड से सब डरते है ।
लेकिन फिर पता चला की,
नेताओ से तो अंडरवर्ड भी,
डरता है ॥
एक दिन मैंने देखा,
की एक व्यक्ति टोल देने के बजाय,
अपना एक कार्ड,
प्रदर्शित करता है ॥
दूसरे ही दिन मै उसी व्यक्ति के साथ,
दुर्घटना का शिकार हो गया ।
तो पुलिसवाला उसे छोड़,
मुझसे ज्यादती करता है ॥
मैंने इसका कारन जानना चाहा,
झिड़कते हुए कहता है।
मै तो तुम्हे अंदर कर देता,
लेकिन सर के कहने पर,
तुम्हे छोड़कर फाइल बंद करता हूँ ॥
फिर मैंने अपने पहचान के,
एक सफ़ेदपोश नेता से मिला ।
उन्होंने कहा,
मै तुरंत थाने से पता करता हूँ ॥
फिर उन्होंने फोन किया,
और फोन सुनते ही गंभीर हो गए ।
फिर मुझसे धीरे से बोले,
मै इस सन्दर्भ में कुछ नहीं कर सकता हूँ ॥
फिर मेरे समझने के लिए,
यह काफी था ।
की एक मिडिया ही है,
जिससे खद्दरधारी नेता भी डरता है ॥
कहते है की स्वत्रंत,
कलम में एक अलग धार होती है ।
बिकी हुयी कलम तो,
निराधार होती है ॥
शुक्र है की मेरी कलम,
अब तक मेरी इशारो पर ही नाचती है ।
और मेरा मन किसी,
कलम के खरीददार का तलाश करता है ॥
मै यहां विज्ञापन दे रहा हूँ,
की अगर आपको किसी बिकाऊ कलम की तलाश है ।
तो मुझसे अच्छा कोई विकल्प,
हो ही नहीं सकता है ॥
@ ऋषभ शुक्ला
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Nice poem
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार शिवम जी
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