बुधवार, 15 अप्रैल 2020

Hame Jine Do / हमें जीने दो (Let Us Live)

Hame Jine Do / हमें जीने दो (Let Us Live)


पापा ! पापा ! मुझे जीने दो 
मुझे आने दो ! 
इस अदभुत दुनिया की 
एक झलक तो पाने दो !! 


मैंने क्या किया है बुरा 
जो तुम चाहते हो मारना ! 
मै तो अभी आयी भी नहीं 
और तुम चाहते हो मुझे निकालना !! 


पापा आप जब ऑफिस से घर आयेंगे 
थक हार कर चूर हो जायेंगे ! 
फिर मै आपको पापा बुलाऊँगी 
आप सारी थकान भूल जायेंगे !! 


मैं बिलकुल भी जिद ना करूंगी 
आप सब से डरूँगी ! 
बड़े प्यार से रहूँगी 
कभी गुस्सा ना करूंगी !! 


लेकिन हम तो एक बच्चा चाहते थे 
लड़का होनहार और सच्चा चाहते थे ! 
जो हमें चारो धाम की यात्रा और सेवा करेगा 
हम तो लडके के रूप में लाटरी चाहते थे !! 


तेरी शादी मै कैसे करूंगा 
बैंक का कर्ज मैं कैसे भरूंगा ! 
मेरी नौकरी भी चली जायेगी 
मैं तेरी परवरिश कैसे करूंगा !! 


पापा ! मैं नौकरी करूंगी 
किसी के घर झाड़ू बर्तन ही करूंगी ! 
और धीरे-धीरे करके 
सभी कर्ज भरूँगी !! 


आप सब की दिन-रात सेवा करूंगी 
आपके बुढ़ापे का सहारा बनूंगी ! 
मुझे आने दीजिये 
मै आप सब की आंखो का तारा बनूंगी !! 


फिर वो माँ से प्रार्थना करती है 


माँ तू तो माँ है 
फिर तू ऐसा कैसे करेगी ! 
क्या तू अपनी इस 
नन्ही सी जान को कुचल सकेगी !! 


जिस नन्ही सी जान को 
महीने पाला ! 
उस सुकुमार, कोमल 
कुसुम को इन हाथो से मसल सकेगी !! 


आपने मेरे लिए 
न जाने कितने सपने सजोयें थे ! 
सारी- सारी रात 
बिना खाए पिए सोयी थे !! 


लेकिन उसकी इन मिन्नतो का माँ पर कोई असर नहीं होता है . 
फिर वो अपने दादा-दादी से कहती है 


आपकी गोद में बैठ कर खेलूंगी 
आपसे अठखेलिया करूंगी ! 
आपसे कहानियां सुनूंगी 
आपसे तरह-तरह की पहेलियाँ करूंगी !! 


दादा-दादी का जवाब बड़ा हे निर्मम आया . 


तुम न जाने किस घड़ी में आयी 
आते ही मेरे घर में तबाही मचाई ! 
हम कब से इस पल का इंतज़ार कर रहे थे 
तूने ही हमारे जीवन में आग लगाई !!

ऋषभ शुक्ला

Hindi Kavita Manch / हिंदी कविता मंच

आप मेरी कविताओं को अगर पढ़ना चाहे तो नीचे लिंक पर जाकर मेरे ब्लॉग पर पढ़ सकते हैं|
Hindi Kavita Manch /हिन्दी कविता मंच - https://hindikavitamanch.blogspot.com/
मेरी कहानियों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|
Mere Man Kee / मेरे मन की - https://meremankee.blogspot.com/
मेरे यात्रा से संबंधित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|
Ghumakkadi Dil Se / घुमक्कड़ी दिल से - https://theshuklajee.blogspot.com/
Facebook / फेसबुक - @theshuklaji और @theshuklajee
Instagram / इंस्टाग्राम - @theshuklajii और @theshuklajee
Twitter / ट्विटर - @theshuklajee
Contact Us / संपर्क करें - rushabhshukla8@gmail.com

आपका ब्लॉग पर आने के लिए आभार, हमारे मार्गदर्शन हेतु पुनः पधारें | क्योकी आपके आगमन से ही हमारे लेखन में उत्साह की वृद्धी होती है | धन्यवाद |

9 टिप्‍पणियां:

  1. बेटी की महता पर बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण कविता,अतिसुन्दर.

    जवाब देंहटाएं
  2. आपका ब्लॉग मेरे ब्लॉग संकलक "ब्लॉग कलश" पर सम्मिलित किया जा चुका है आपका स्वागत है वहाँ.कमेंट्स के वर्ड वेरिफिकेसन को हटा दे.इससे पाठकों को टिप्पडी करने परेशानी होती है.

    मेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है.
    "ब्लॉग कलश"

    जवाब देंहटाएं
  3. दिल को छू लेने वाली बहुत ही भावपूर्ण रचना. आप बधाई के पात्र हैं.

    जवाब देंहटाएं

आपका हमारे इस कविता मंच के साथ जुड़ने और अपने बहुमूल्य सुझाव के आपका बहुत - बहुत आभार. आपके सुझाव व विचार हमें नित लिखने और हमें सीखने प्रेरणा देते है. शुक्रिया.

हिंदी कविता मंच