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Maa Tere Jane Ke Baad / माँ तेरे जाने के बाद (Mother / Mom After You) |
Maa Tere Jane Ke Baad / माँ तेरे जाने के बाद (Mother / Mom After You)
जब मै जन्मा तो मेरे लबो सबसे पहले तेरा नाम आया,
बचपन से जवानी तक हर पल तेरे साथ बिताया|
पता नहीं तू कहा चली गयी रुसवा होकर,
मै तो सोया हुआ था बेफिक्र होकर,
जब जागा तो न तेरी ममता, ना तुझे पाया|
मुझसे क्या ऐसी खता हो गयी,
जिसकी सजा दी तूने ऐसी की मै सह ना पाया||
तू छोड़ गयी मुझे यु अकेला,
मै तुझे आखरी बार देख भी ना पाया|
तू तो मुझे एक पल भी छोड़ती नहीं थी,
फिर तूने इतना लम्बा अरसा कैसे बिताया||
तू इक बार आ जा मुझसे मिलने,
देखना चाहता हूँ माँ तेरी एक बार काया||
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13 टिप्पणियां:
आपकी यह पोस्ट आज के (३० जुलाई, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - एक बाज़ार लगा देखा मैंने पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
shukriya rajesh ji
माँ हर बार याद आती है।
shukriya devendra pandey ji aapaka swagat hai.
माँ कहाँ जाती है स्मृतियों से भला?
मार्मिक
bahot hi achhi kavita hai
Thanks to all of you for your support.
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वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी…..
आपका हमारे इस कविता मंच के साथ जुड़ने और अपने बहुमूल्य सुझाव के आपका बहुत - बहुत आभार. आपके सुझाव व विचार हमें नित लिखने और हमें सीखने प्रेरणा देते है. शुक्रिया.
हिंदी कविता मंच
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