Kabhi Milo To Sahi / कभी मिलों तो सही / Sometimes Meet
क्या हुआ ग़र जुदा हो गए,
क्या हुआ जो तुम बेवफ़ा हो गएl
मुझे एक पल तो याद करती हो ना,
की हम खामखा हो गएl
थोड़ी याद ताजा करने,
कभी मिलों तो सहीl
क्या हुआ जो तुम हो गए किसी और के,
क्या हुआ जो खो गए भीड़ मेंl
मिलने को जी तो मचलता होगा ना,
या फिर आपकी यादो से भी रुसवा हो गएl
मुझे भूल जाने को,
कभी मिलों तो सही|
ऋषभ शुक्ला
Hindi Kavita Manch / हिंदी कविता मंच
आप मेरी कविताओं को अगर पढ़ना चाहे तो नीचे लिंक पर जाकर मेरे ब्लॉग पर पढ़ सकते हैं|Hindi Kavita Manch /हिन्दी कविता मंच - https://hindikavitamanch.blogspot.com/मेरी कहानियों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|Mere Man Kee / मेरे मन की - https://meremankee.blogspot.com/मेरे यात्रा से संबंधित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|Ghumakkadi Dil Se / घुमक्कड़ी दिल से - https://theshuklajee.blogspot.com/Facebook / फेसबुक - https://instagram.com/theshuklajeeInstagram / इंस्टाग्राम - https://www.facebook.com/theshuklajiiTwitter / ट्विटर - https://twitter.com/theshuklajeeYoutube / यूट्यूब - https://www.youtube.com/channel/MereManKeeContact Us / संपर्क करें - rushabhshukla8@gmail.comआपका ब्लॉग पर आने के लिए आभार, हमारे मार्गदर्शन हेतु पुनः पधारें | क्योकी आपके आगमन से ही हमारे लेखन में उत्साह की वृद्धी होती है | धन्यवाद |
3 टिप्पणियां:
आपका बहुत बहुत आभार यशोदा जीl
Amazing..wow����
आपका हमारे इस कविता मंच के साथ जुड़ने और अपने बहुमूल्य सुझाव के आपका बहुत - बहुत आभार. आपके सुझाव व विचार हमें नित लिखने और हमें सीखने प्रेरणा देते है. शुक्रिया.
हिंदी कविता मंच
एक टिप्पणी भेजें