Netaji Aur Gadha / नेताजी और गधा (Leader And Donkey) |
Netaji Aur Gadha / नेताजी और गधा (Leader And Donkey)
कल कुछ गधो की सभा लगी थी,
रेकने की होड़ सी लगी,
गधो में श्रेष्ठ गजोधर गधा भी,
वहाँ मौजूद था|
तभी गधो में सबसे बुजूर्ग,
मतीमंद राम ने सुझाया,
गधो के बुद्धीमान होने पर,
काफी चिंता जताई|
मतीमंद राम ने,
हाल ही का एक वाकया सुनाया,
एक गधा जो बुद्धीमान था,
बोझ ढोने के बजाय चापलूसी,
मक्कारी और ढोंग करने लगा|
खादी कपडे पहनकर,
खुद को भगवान समझता है,
कामचोर और आलसी,
कुर्सी से चिपका रहता है|
हम सभी लेते है प्रण,
हम सभी स्वभाव से गधे रहेंगे,
अब हम सभी को सोचना होगा,
गधो को नेता बनने से रोकना होगा|
ऋषभ शुक्ला
Hindi Kavita Manch / हिंदी कविता मंच
आप मेरी कविताओं को अगर पढ़ना चाहे तो नीचे लिंक पर जाकर मेरे ब्लॉग पर पढ़ सकते हैं|Hindi Kavita Manch /हिन्दी कविता मंच - https://hindikavitamanch.blogspot.com/मेरी कहानियों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|Mere Man Kee / मेरे मन की - https://meremankee.blogspot.com/मेरे यात्रा से संबंधित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|Ghumakkadi Dil Se / घुमक्कड़ी दिल से - https://theshuklajee.blogspot.com/Facebook / फेसबुक - https://instagram.com/theshuklajeeInstagram / इंस्टाग्राम - https://www.facebook.com/theshuklajiiTwitter / ट्विटर - https://twitter.com/theshuklajeeYoutube / यूट्यूब - https://www.youtube.com/channel/MereManKeeContact Us / संपर्क करें - rushabhshukla8@gmail.comआपका ब्लॉग पर आने के लिए आभार, हमारे मार्गदर्शन हेतु पुनः पधारें | क्योकी आपके आगमन से ही हमारे लेखन में उत्साह की वृद्धी होती है | धन्यवाद |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें