Kabhi To Bhul Paunga / कभी तो भूल पाऊँगा / Will Ever Forget |
Kabhi To Bhul Paunga / कभी तो भूल पाऊँगा / Will Ever Forget
कभी तो भूल पाऊँगा तुमको,
मुश्क़िल तो है|
लेकिन,
मंज़िल अब वहीं है||
पहले तुम्हारी एक झलक को,
कायल रहता था|
लेकिन अगर तुम अब मिले,
तों भूलना मुश्किल होगा||
ऋषभ शुक्ला
Hindi Kavita Manch / हिंदी कविता मंच
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10 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 19 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आपका बहुत बहुत आभार यशोदा जी|
आपका बहुत बहुत आभार शास्त्री जी|
बहुत सुंदर
आपका बहुत बहुत आभार अनुराधा जी|
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सुंदर अभिव्यक्ति
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद....
Ati Sundar Abhvyakti
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