Bhai Chara / भाईचारा / Brother Hood |
Bhai Chara / भाईचारा / Brother Hood
क्या गजब है देशप्रेम,
क्या स्वर्णिम इतिहास हमारा है|
अजब-गजब कि मिलती मिसालें,
क्या अद्भुत भाईचारा है||
जब भी दुश्मन आता सरहद पर,
हमें देशप्रेम बुलाता है|
माँ भारती कि आन-बान को,
हर भारतवासी मर-मिट जाता है||
जब सैनिक भारत माँ कि रक्षा को,
सीने पर गोली खाता है|
हर भारतवासी के सीने को,
वो लहूलुहान कर जाता है||
जब जब आई है विपदा हम पर,
हम कंधे से कंधा मिलाते है|
हम भारत माँ और उन वीर सपूतो के,
वंदन को शीश झुकाते है||
वीर सपूतो के बलिदानों पर,
हर भारत वासी हारा है|
हम माँ भारती कि संताने है,
और हिंदुस्तान हमारा है||
क्या अद्भुत भाईचारा है||
ऋषभ शुक्ला
Hindi Kavita Manch / हिंदी कविता मंच
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6 टिप्पणियां:
सु न्दर सृ जन
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
आपका बहुत बहुत आभार सुशील कुमार जोशी जी
आपका बहुत बहुत आभार शास्त्री जी
बहुत सुन्दर
आपका बहुत बहुत आभार शिवम जी
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