Vibhishana / विभीषण |
Vibhishana / विभीषण
अब बड़ी मुश्किल है लड़ाई,
हर घर मे विभीषण बैठा है|
मुश्किल है अब चढ़ाई,
हर घर मे विभीषण बैठा है||
तुम सेंध लगाए बैठे थे,
किसी दूसरे के घर पर,
कोई तुम्हारा घर ही लूट गया,
हर घर में विभीषण बैठा है||
तुम हो वीर, शक्तिशाली,
रण तुमसे घबराता है|
फिर भी तुम ना जीते,
हर घर में विभीषण बैठा है||
तुम हो शस्त्र, शास्त्र, ज्ञानी,
सब तुम्हारी जय जयकार करें|
फिर भी तुम ठहर ना पाए,
हर घर में विभीषण बैठा है||
हर घर में विभीषण बैठा है....
ऋषभ शुक्ला
Hindi Kavita Manch / हिंदी कविता मंच
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7 टिप्पणियां:
https://hindikavitamanch.blogspot.com/2019/11/vibhishana.html
जैसी करनी वैसी भरनी
कर्मों को यही भोगता है हर इंसान
बहुत सही
बिल्कुल कविता जी, आभार आपका|
जी बहुत ही सही कहा हर घर में विभीषण बैठा है वर्तमान परिपेक्ष में बिल्कुल सटीक बैठती आपकी रचना लिखते रहिए
आपका बहुत बहुत आभार अनु जी
bhut hi badiya post likhi hai aapne. Ankit Badigar Ki Traf se Dhanyvad.
अच्छी कविता
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